बीएसएनएल प्रमुख पीके पुरवार का कहना है कि कंपनी के 79,000 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक रूप से रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) के लिए आवेदन दिया है.
बीएसएनएल में करीब 1,60,000 कर्मचारी कार्यरत हैं.
वीआरएस स्कीम के तहत एक कर्मचारी सेवा अवधि के दौरान अपनी मर्जी से नौकरी छोड़ने का फ़ैसला करता है.
कंपनी की कर्मचारी यूनियन ने आरोप लगाया है कि वीआरएस के लिए आवेदन देने वाले कर्मचारी कंपनी के कथित दबाव में ये कदम उठा रहे हैं.
कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पीके पुरवार इन आरोपों से इनकार करते हैं.
स्कीम के मुताबिक 50 वर्ष या उससे ऊपर के कर्मचारी वीआरएस ले सकते हैं.
हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने बीएसएनएल और एमटीएनएल के प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी. एमटीएनएल मुंबई और दिल्ली में अपनी सेवाएं देती है जबकि बीएसएनएल बाक़ी देश में.
इसके अलावा सरकार ने एक बचाव पैकेज की भी बात की थी जिसमें 4जी स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए धन का आवंटन जैसे कदम थे.
लाखों करोड़ों रुपये के कर्ज़ के बोझ तले टेलीकॉम सेक्टर की हालत ख़राब है.
फ़रवरी में बीएसएनल कर्मचारियों के वेतन में 15 दिनों की देरी की ख़बरों ने मीडिया में बड़ी-बड़ी सुर्खियां बटोरी थीं.
कुछ वक्त पहले पूर्व एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीबीसी से कहा था कि बीएसएनएल कर्मचारियों की औसत उम्र 55 वर्ष है, और "इनमें से 80 प्रतिशत बीएसएनल पर बोझ हैं क्योंकि वो तकनीकी तौर पर अनपढ़ हैं जो नई तकनीक सीखना ही नहीं चाहते और इसका असर युवा कर्मचारियों के मनोबल पर पड़ता है."
बीएसएनल कर्मचारी संघ इन आरोपों से इनकार करता है.
इतनी बड़ी संख्या में वीआरएस के लिए आवेदन देने वाले कर्मचारियों की संख्या पर बीएसएनएल कर्मचारी यूनियन के स्वपन चक्रवर्ती ने बीबीसी से कहा, "लोगों की धमकियां मिल रही हैं कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनका ट्रांसफ़र कर दिया जाएगा, उन्हें वेतन नहीं मिलेगा. इस कारण वो वीआरएस ले रहे हैं."
एक अन्य कर्मचारी ने भी ऐसे ही आरोप लगाए.
वीआरएस ले रहे कर्मचारियों की प्रोफ़ाइल पर पीके पुरवार ने बीबीसी से कहा, "पचास साल से अधिक उम्र के सभी अधिकारी चाहे वो किसी भी क्षेत्र, कैडर और सेवा के हों, वीआरएस स्कीम का विकल्प चुन रहे हैं."
चक्रवर्ती कहते हैं, "वीआरएस ले रहे कर्मचारियों को लाखों का नुक़सान हो रहा है. उन्हें ग्रैच्युटी, सैलेरी रिवीज़न में नुक़सान है. कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान हैं."
बीएसएनएल प्रमुख पीके पुरवार इन आरोपों से इनकार करते हुए कहते हैं, "बीएसएनएल एक पीएसयू (सार्वजनिक उपक्रम) है जहां ऐसी चीज़ें नहीं होतीं. ये तथ्यहीन आरोप कुछ इंटरेस्टेड पार्टियां लगा रही हैं."
पीटीआई के मुताबिक एमटीएनएल ने भी अपने कर्मचारियों के लिए वीआरएस स्कीम शुरू की है जो 3 दिसंबर तक लागू रहेगी.