मप्र / 745 मीटर लंबे ब्रिज पर रोशनी के लिए लगाए 64 बिजली के खंभे, 15 दिनों से 44 की लाइट है बंद

आरओबी की बिजली बंद, किशनगंज पुल पर भी नहीं है समुचित रोशन



महू . महू-इंदौर एबी रोड की लाइफ लाइन किशनगंज आरओबी का अाधे से ज्यादा हिस्सा रात के समय अंधेरे में डूबा रहता है। इस आरओबी पर रोशनी के लिए लगाए 64 बिजली के खंभे में से 44 पर बिजली बंद पड़ी है। यह पोल लगभग 15 दिन से अधिक समय से बंद है जिसके चलते ब्रिज पर अंधेरा पसरा रहता है। जिसके चलते यहां पर रात के समय वाहन दुर्घटना का अंदेशा बना हुआ है।



महू-इंदौर के बीच रहवासियों के लिए अावाजाही सुगम हो इसके लिए 1448 लाख रु. की लागत से 745.5 मीटर लंबे आरओबी का निर्माण किया गया था। इस पर रात के समय रोशनी रहे इसके लिए 64 बिजली के पोल लगाए गए थे। इसमें 32-32 पोल ब्रिज के दोनों छोर पर लगाए थे। लेकिन पिछले 15 दिन से अधिक समय हो गया आरओबी पर लगे बिजली के पोल में 44 की बिजली बंद पड़ी है। जिसके चलते ब्रिज पर कहीं रोशनी तो कहीं अंधेरा पसरा है। ब्रिज पर दो खतरनाक मोड़ पर भी अंधेरा है। जिसके चलते यहां रात के समय वाहन दुर्घटना का अंदेशा बना हुआ है।


 


ब्रिज से विधायक सहित प्रशासनिक अधिकारी भी निकल रहे
इस आरओबी से रात के समय अंधेरे में पिछले 15 दिन में अनेक बार क्षेत्रीय विधायक उषा ठाकुर, एसडीएम अंशुल गुप्ता, केंटबोर्ड सीईओ मनीषा जाट, जिपं अध्यक्ष कविता पाटीदार, केंटबोर्ड उपाध्यक्ष रचना विजयवर्गीय सहित केंटबोर्ड के सभी पार्षद कई बार निकले होंगे। लेकिन 15 दिनों के अंदर किसी भी जनप्रतिनिधि व अधिकारी ने आरओबी की रोशनी बंद को लेकर ध्यान नहीं दिया। क्योंकि जब भास्कर ने जिम्मेदार अधिकारियों से चर्चा की तो सभी ब्रिज की लाइट बंद होने जैसी जानकारी से अनजान नजर आए। 


 


इस पूल से 82 उपनगरीय बसें, 15 हजार दोपहिया वाहन, एक हजार चार पहिया वाहन रोज गुजरते हैं
इस ब्रिज पर महू-इंदौर के बीच आवाजाही करने वालों का सर्वाधिक दबाव रहता है। ब्रिज पर से 82 उपनगरीय बसें दिन में चार बार, 15 हजार दुपहिया वाहन, 1 हजार के करीब चार पहिया वाहन व इसके अलावा आसपास की कॉलोनियों के रहवासी भी महू आवाजाही करते है। रात के समय अंधेरे में वाहन चालकों को आवाजाही में सर्वाधिक परेशानी रहती है।


 


और इधर... किशनगंज का बड़ा पुल भी रहता है अंधेरे में डूबा
किशनगंज का बड़ा पुल भी अंधेरे में डूबा रहता है। यहां पर भी कई बार वाहन दुर्घटनाएं हो चुकी है। लेकिन जिम्मेदार जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारियों ने इस पुल पर भी रात के समय रोशनी के लिए किसी तरह का खास प्रयास नहीं किए है। यहां पर सिर्फ दो स्थानों पर छोटे-छोटे बिजली के पोल लगे हैं जो की रोशनी के लिए पर्याप्त नहीं है।



जिम्मेदारों का कहना…



  •  ब्रिज काॅर्पोरेशन के सब इंजीनियर मनोज जैन का कहना है कि किशनगंज आरओबी हमने कैंटबोर्ड को हैंडओवर कर दिया है। अब रोशनी बंद है तो उसकी जिम्मेदारी स्थानीय निकाय कैंटबोर्ड की है।

  •  कैंटबोर्ड इंजीनियर अमित व्यास का कहना है कि ब्रिज की लाइट बंद है तो उसे जल्द ही सुधराकर सुचारू करवा दिया जाएगा।


 


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