रिपोर्ट के मुताबिक इस फीचर के तहत एक मैसेज नहीं, बल्कि पूरा एक कनवर्सेशन डिलीट होगा और इसके लिए आप टाइमर सेट कर सकते हैं. फिलहाल ये भी साफ नहीं है कि इसे सिर्फ ग्रुप चैट्स के लिए दिया जाएगा या सभी चैट्स के लिए होगा.
बता दें, 9 सितंबर के बाद से शेयर में लगातार तेजी बनी हुई है. 9 सितंबर को बीएसई पर शेयर 73 पैसे पर बंद हुआ था, उसी एक शेयर की 26 नवंबर को कीमत 7.67 रुपये तक पहुंच गई और 7.31 रुपये पर बंद हुआ. रिलायंस नेवल के शेयर में ये तेजी का सबसे लंबा दौर है. 2009 में शेयर की लिस्टिंग हुई थी.
जानकार बताते हैं कि कंपनी की आर्थिक स्थिति अभी भी दयनीय है. लेकिन कंपनी को केंद्र सरकार से जल्द ही कई रक्षा कांट्रैक्ट मिलने की उम्मीद है. इसलिए कंपनी के शेयर में उछाल देखने को मिला है. हाालांकि पिछले 52 हफ्तों के आंकड़ों को देखें तो पिछले साल दिसंबर में शेयर 16.55 रुपये पर कारोबार कर रहा था.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस नेवल के फंडामेंटल्स में कोई बदलाव नहीं हुआ है. कंपनी कई मुश्किलों से गुजर रही है. रिलायंस नेवल के शेयर में तेजी की वजह जो भी हो लेकिन, यह अनिल अंबानी के लिए अहम है.