नई दिल्ली। सरकारी दस्तावेजों की लिस्ट में शामिल आधार कार्ड की उपयोगिता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। लगभग बिना आधार कार्ड के आपके कई काम अटक सकते हैं या सीधे शब्दों में कहा जाए तो बिना आधार कार्ड के या गलत आधार कार्ड के आपको मिलने वाली सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ सकता है। यूआईडीएआई ने व्यक्तिगत विवरण में बदलाव के नियम बदल दिए हैं। आज हम आपको आधार कार्ड से जुड़ी अहम जानकारी के बारे में बताने जा रहे हैं कि आप आखिर आधार कार्ड में कितनी बार बदलाव करा सकते हैं।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार कार्ड (Aadhaar card) धारकों के लिए आधार नियमों में संशोधन के लिए कुछ समय पहले ही एक विशेष अधिसूचना जारी की है। अगर संसोधन के बाद आपको आधार में अपनी जानकारी अपडेट करनी है तो नियमों को जानना बहुत जरूरी है। यूआईडीएआई ने हाल ही में आधार कार्ड में नाम, जेंडर यानी लिंग और जन्मतिथि का विवरण अपडेट करने की सीमा तय की है। जन्मतिथि अपडेट करने पर पहले से ही बंदिश थी, इसे सिर्फ एक बार ही अपडेट कर सकते हैं।
बिना किसी भी दस्तावेज के आप अपने आधार कार्ड में इन पांच डिटेल्स को अपडेट कर सकते हैं। मोबाइल नंबर, फोटो, जेंडर यानी लिंग, बायोमेट्रिक्स (फिंगर प्रिंट और आंखों का स्कैन) ईमेल आईडी शामिल है। बता दें कि आधार कार्ड में जन्मतिथि और जेंडर यानि लिंग में केवल एक बार ही अपडेट कराया जा सकता है। वहीं पते, फोन नंबर और ईमेल आईडी में कितनी भी बार बदलाव कराया जा सकता है। इसके लिए लोगों को निर्धारित फीस चुकानी होगी।
यूआईडीएआई की अधिसूचना के मुताबिक, आधार कार्ड में नाम में सिर्फ दो ही बार अपडेट कराया जा सकता है।
जन्मतिथि अपडेट करने के नियम काफी सख्त हैं। आधार में सिर्फ एक बार ही जन्मतिथि को बदला जा सकता है। इसमें आधार नामांकन के वक्त दर्ज की गई जन्मतिथि में तीन साल की अधिकतम रेंज (प्लस या माइनस) के साथ ही बदलाव की अनुमति है। उदाहरण के लिए 1983 में जन्म लेने वाला व्यक्ति केवल 1980 और अधिकतम 1986 के साल तक तिथि में बदलाव करा सकता है। अगर किसी व्यक्ति के पास नामांकन के समय जन्मतिथि के लिए प्रमाणित डॉक्यूमेंट नहीं है तो यूआईडीएआई में जन्मतिथि 'घोषित' या 'अनुमानित' लिखी जाएगी।