वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार आईएनएक्स मीडिया केस में मुझे जेल में बंद करके मेरी मानसिक शक्ति नष्ट करना चाहती थी. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया केस में 106 दिन तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे.
उन्हें हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की ओर से जमानत मिली है. हालांकि, पूर्व वित्त मंत्री ने यह केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाते हुए प्रवर्तन निदेशालय या सीबीआई द्वारा दायर उनके खिलाफ मामले का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया.
ल्ली से चेन्नई पहुंचे चिदंबरम ने पत्रकारों से कहा, 'मैं केस के बारे में बात नहीं करूंगा. मुझे जेल में क्यों डाला गया? उन्होंने सोचा कि वे मेरी मानसिक शक्ति नष्ट कर देंगे और ऐसा कभी नहीं होगा. अगर कोई सोचता है कि एक दिन मैं ढेर हो जाऊंगा तो ऐसा कभी नहीं होगा क्योंकि कांग्रेस पार्टी और भारतीय लोगों की आजादी की चाह मेरे साथ खड़ी है. यह लड़ाई चलती रहेगी.'
चिदंबरम ने सरकार पर अपने शारीरिक स्वास्थ्य को कमजोर करने की कोशिश का भी आरोप लगाते हुए कहा कि वे लगभग 10 दिनों तक इसमें सफल रहे. लेकिन कोर्ट के दखल के बाद डॉक्टरों ने जांच की और आज मेरा स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक है.
चिदंबरम ने आरोप लगाया कि पूरा देश महिलाओं के लिए कब्रगाह बन गया है. खासकर उत्तर प्रदेश में से एक है. उन्होंने ऐसा नहीं होना चाहिए और इस प्रवृत्ति को रोकने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार और महिलाओं की नहीं है, बल्कि पुरुषों की भी है. उन्होंने कहा, 'हर पुरुष को महिला की रक्षा करनी चाहिए.'
जब चिदंबरम से केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के उस आरोप के बारे में पूछा गया कि क्या आप जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा, 'प्रकाश जावड़ेकर कोर्ट के निर्णय के बारे में नहीं जानते और न यही जानते हैं कि मैंने क्या बोला है.'