चंगमपुझा पार्क में एक ऐसी डांस क्लास लगती है, जहां 50 साल से अधिक उम्र की महिलाएं ना सिर्फ डांस सीखती हैं, बल्कि सालों से दबे अपने सपनों को फिर से जी रही हैं। ये वो महिलाएं हैं जिनके बुलंद हौसलों के आगे उम्र भी मात खा गई। इन 26 महिलाओं की डांस टीचर हैं आर. एल.वी मिधुना जो उम्र में इन सभी से छोटी हैं। मिधुना इडप्पली के चंगमपुझा संस्कृति केंद्र पर महिलाओं को भरतनाट्यम् और मोहिअट्टम सिखाती हैं।
सपनों को जीने का मिला मौका
अपने शौक से ऊपर परिवार को रखने वाली इन महिलाओं को डांस क्लास के जरिए एक बार फिर अपना शौक पूरा करने का मौका मिला है। इनका कहना है कि हम सबके लिए यह फिर से अपने शौक को पूरा करने का एक सुनहरा मौका है। इस क्लास की सबसे उम्रदराज महिला की उम्र 75 साल है। जिस उम्र में महिलाएं हार मान कर खुद को हालात के हिसाब से ढाल लेती है। उस उम्र में यह महिलाएं फिर से जीवन जीना सीख रही है। पिछले साल अक्टूबर में विजय दशमी से शुरू हुई यह क्लास हर सोमवार और गुरुवार लगती है। नृत्य सदस समूह की अध्यक्ष मक्किला बताती है कि उन्होंने सोचा नहीं था कि उन्हें इतना अच्छे परिणाम मिलेंगे। उन्होंने बताया कि उन्हें पता चला था कि 50 साल के अधिक उम्र की कुछ महिलाएं डांस सीखना चाहती है। जिसके बाद एक ट्रायल के रूप में इसे शुरू किया, जिसे बाद में काफी सराहना मिली।
याद आए पुराने सबक
डांस सीख रहीं सुभी ने कहती हैं, हम सुबह जल्दी आकर पिछले पाठ को दोहराते हैं। क्लास के बाद हम सब देर तक बातें करती हैं और एक-दूसरे से अनुभव साझा करती हैं।। राजम थंपी पुलिमुत्तिल पहले दुबई में काम करती थी जो अब भारत में रहती हैं। उनका कहना है कि क्लास के दौरान हम सभी काफी सकारात्मक महसूस करते है। साथ ही इससे हमारी फिजिकल और मेंटल हेल्थ भी काफी अच्छी होती है। यहां आने वाली सभी महिलाएं या तो रिटायर्ड हैं या हाउसवाइफ।
परिवार का भी मिला सपोर्ट
जीवन में एक बार फिर कुछ करने की चाह रखने वाली इन महिलाओं को उनके परिवार का भी उतना ही सपोर्ट मिलता है। इनमें से कुछ ऐसी है, जो पहले डांस करती थी, लेकिन समय और जिम्मेदारी के चलते उन्होंने अपने इस शौक को कहीं पीछे छोड़ दिया।
कुछ ऐसी भी हैं जिन्होंने पहले कभी डांस नहीं सीखा। इनमें से एक राजम बताती हैं कि शुरुआत में यह काफी मुश्किल था। लेकिन अब हमारी बॉडी धीरे-धीरे इसके मुताबिक ढल रही है। जो अब पहले से ज्यादा फ्लेजिबल हो गई है। लीना का कहना है कि अब हम सारी मुद्राएं आसानी से समझ पाते है।
नई पीढ़ी के लिए मिसाल
डांस टीचर मिधुना का कहना है कि वो उन्हें किसी चीज के लिए फोर्स नहीं करती। वह कहती हैं कि उम्र के इस पड़ाव पर समाज की घूरती नजरों के अनदेखा कर अपने लिए खड़े होना काफी हिम्मत का काम है। यहां उन्हें किसी का कोई डर नहीं। मिधुना ने बताया कि शुरू में उन्हें डर था कि वह सब उन्हें एक टीचर के रूप में कैसे स्वीकार करेंगी, लेकिन अब वह सब बहुत अच्छी दोस्ती हैं।