जब बात सेहत की आती है तो एक बात अक्सर सुनने को मिलती है. हिंदुस्तान में औरतें अपनी सेहत को बिल्कुल भी सीरियसली नहीं लेतीं.पूरे परिवार के खाने-पीने, उनकी सेहत का ध्यान रखने वाली औरतें अपना ही ध्यान नहीं रखतीं. तब तक डॉक्टर के पास नहीं जातीं जब तक बीमारी दस्तक न दे दें. जब तक बुखार न पकड़ ले, चक्कर खाकर गिर न जाएं तब तक उन्हें पता ही नहीं होता है कि वे एनीमिक हैं या नहीं, विटामिन डी या कैल्शियम सही मात्रा में हैं या नहीं. जबकि किसी भी महिला के लिए इनकी जानकारी होना बेहद ज़रूरी है.
इस आर्टिकल में हम बता रहे हैं उन पांच टेस्ट्स के बारे में जिन्हें हर भारतीय महिला को करवाना ज़रूरी है. ये जानकारी हम आप तक पहुंचा पा रहे हैं डॉक्टर ललिता भरद्वाज की मदद से. वो अपोलो दिल्ली में लंबे वक्त तक स्त्रीरोग विशेषज्ञ के तौर पर काम कर चुकी हैं, अब गुरुग्राम में प्राइवेट प्रैक्टिस कर रही हैं.
तो ये रहे वो पांच टेस्ट:
1. एनीमिया का टेस्ट
अव्वल तो एनीमिया क्या होता है? इसमें आपके खून में रेड ब्लड सेल्स की कमी होती है. रेड ब्लड सेल्स ही आपके शरीर के सारे हिस्सों तक ऑक्सीजन पहुंचाते हैं. औरतों को एनीमिया का ज़्यादा ख़तरा रहता है. वजह? क्योंकि उनमें आयरन की कमी रहती है. इसके पीछे कारण है पीरियड्स के दौरान होने वाला ब्लड लॉस.
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक, पिछले 50 सालों से सरकार अलग-अलग प्रोग्राम बना रही है. एनीमीया से निपटने के लिए. पर फिर भी. 2016 में पता चला कि हिंदुस्तान में 50.4 फ़ीसदी औरतें एनीमिक हैं. इसलिए ज़रूरी है कि आप एनीमिया का टेस्ट करवाएं. इसके लिए आपको ब्लड टेस्ट करवाना होगा. इस टेस्ट को करवाने की कीमत साढ़े पांच सौ से हज़ार के बीच है.
2. विटामिन डी का टेस्ट
अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो आपकी हड्डियां कमज़ोर होने लगती हैं. साथ ही आपको PCOS का ख़तरा भी बना रहता है. यानी आपकी ओवरीज़ में गाठें बन जाती है. इससे न सिर्फ़ पीरियड्स समय पर नहीं होते, पर और भी शारीरिक दिक्कतें होती हैं. जैसी कि पेट में दर्द. मूड खराब रहना. वेट गेन करना. स्किन पर दाने निकलने. मां बनने में दिक्कत आना. वगैरह. इन सबके अलावा हड्डियां आसानी से टूटने का ख़तरा भी बना रहता है. मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं. दिनभर थकान रहती है. शरीर में विटामिन डी की कमी होने के पीछे खराब डाइट भी एक बड़ी वजह है. इसको जांचने के लिए आपको 25-हाइड्रोक्सी विटामिन डी ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए. इसकी कीमत 1250 रुपए है.
3. कैल्शियम की कमी
समय के साथ औरतों की हड्डियां कमज़ोर पड़ने लगती है. ओस्टोपोरोसिस की शिकायत होती है. यानी कमज़ोर हड्डियां. जो वज़न नहीं झेल पातीं. हड्डियों में दर्द भी रहता है. ये न हो इसलिए ज़रूरी है कि खाने में पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिल रहा. औरतों को तब तक नहीं पता चलता कि उनमें कैल्शियम की कमी है जब तक उनकी हड्डियां नहीं टूटतीं. इसलिए ज़रूरी है कि साल में एक बार वो ब्लड टेस्ट ज़रूर करवाएं. इस टेस्ट में उनके खून में कैल्शियम का लेवल पता चलता है. अगर उनके खून में कैल्शियम 8.8 mg/dL कम है, मतलब मामला ठीक नहीं है. ये टेस्ट 170 से 200 रुपए में करवा सकती हैं.
4. पैप स्मीयर टेस्ट
पैप स्मियर को पैप टेस्ट भी कहा जाता है. इसमें आपके सर्विक्स से सेल्स इकट्ठे किए जाते हैं. अब ये सर्विक्स क्या होता है? सर्विक्स होता है आपके गर्भाशय का निचला और पतला हिस्सा. ये आपकी वजाइना के ठीक ऊपर होता है. पैप टेस्ट में एक लकड़ीनुमा चम्मच से सेल्स को इकट्ठा किया जाता है. पैप स्मियर से सर्वाइकल कैंसर के बारे में पता लगाया जाता है. सर्विक्स से लिए गए सेल्स की जांच की जाती है कि कहीं इनमें कैंसर सेल्स तो नहीं हैं. कैंसर सेल्स यानी वो सेल्स जिनकी वजह से कैंसर होता है या आगे हो सकता है. डॉक्टरों के हिसाब से ये टेस्ट 21 से 65 साल की औरतों को करवाना चाहिए. उनके मुताबिक, 40 साल या उससे अधिक उम्र की औरतों को तो इसे रूटीन चेकअप की तरह करवाना चाहिए. पर जो लड़कियां 21 साल से ऊपर हैं और सेक्सुअली एक्टिव हैं उन्हें भी पैप स्मियर करवाना चाहिए. रूटीन के तौर पर. पैप स्मियर की कीमत शहर और अस्पताल पर निर्भर करती है. ये सरकारी अस्पतालों में फ्री है. प्राइवेट अस्पतालों में इसकी कीमत 300 से 700 के आसपास होती है.
5. ब्रेस्ट कैंसर का टेस्ट
20 की उम्र के बाद से ब्रेस्ट एग्जाम करवाना ज़रूरी है. ये 20 से 40 साल तक की उम्र तक करवाना चाहिए. ये एक फ़िज़िकल एग्ज़ाम है. यानी इसमें डॉक्टर छूकर ब्रेस्ट में गांठों का पता लगाते हैं. ये गाठें ही ब्रेस्ट कैंसर का संकेत देती हैं. इसलिए ज़रूरी है ये टेस्ट करवाया जाए.