22 सालों से आदिवासी महिलाओं का मुफ्त इलाज कर रहीं 82 साल की लीला जोशी, इन्हें मध्य प्रदेश की मदर टेरेसा कहते हैं


लीला जोशी को मध्य प्रदेश की 'मदर टेरेसा' कहा जाता है। इस नाम की वजह उनका काम है, जो उन्होंने आदिवासी महिलाओं के लिए किया। देश में मातृ मृत्यु दर का आंकड़ा अधिक है और आदिवासी महिलाओं में इसका आंकड़ा दूसरी महिलाओं से ज्यादा है क्योंकि ये ज्यादा एनीमिक हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ लीला जोशी ने आयरन की कमी से जूझती आदिवासी महिलाओं को सेहतमंद बनाने के लिए कैंप लगाए और मुफ्त इलाज किया। इसी उपलब्धियों के कारण भारत सरकार ने 82 वर्षीय लीला जोशी पद्मश्री देने की घोषणा की है। जानिए उनके सफर की कहानी....


बतौर रोग विशेषज्ञ डॉ लीला जोशी स्त्री ने रतलाम से पहले असम में भी कई सालों तक अपनी सेवाएं दी हैं। असम में पोस्टिंग के दौरान डॉ जोशी की मुलाकात मदर टेरेसा से हुई थी। मदर टेरेसा ने उनसे आदिवासियों के लिए कुछ करने की अपील की थी। मदर टेरेसा की ये बात उनके जहन में घर कर गई। साल 1997 में अपनी सर्विस से रिटायर होने के बाद डॉ लीला जोशी ने मध्य प्रदेश आकर आदिवासी महिलाओँ को मुफ्त इलाज देना शुरु कर दिया।


अपने प्रोफेशनल करियर के दौरान डॉ जोशी को अंदाज़ा हो चुका था कि भारत में हर साल मातृ मत्यू दर का आंकड़ा काफी अधिक है। इन आंकड़ों में सबसे ज्यादा आदिवासी महिलाओं शामिल हैं। खासकर ऐसी महिलाएं जो एनीमिक हैं। इस रिसर्च के बाद डॉ जोशी ने आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओँ के लिए कई कैंप लगाए और साथ ही उन्हें मुफ्त इलाज भी दिया। डॉ जोशी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की एक मात्र ऐसी डॉक्टर हैं जो 22 सालों से आदिवासियों को मुफ्त इलाज मुहैया करवा रही हैं। आज 82 साल की उम्र में भी डॉ जोशी आदिवासी बहुल क्षेत्रों में जाकर स्त्री रोगों से जुड़ी समस्याओं के प्रति महिलाओं को जागरुक करने का कार्य कर रही हैं।


डॉ जोशी ने साल 1962 में कोटा के रेलवे अस्पताल में बतौर असिस्टेंट सर्जन के पद से अपने मेडिकल करियर की शुरुआत की थी। अपने योगदान के बाद डॉ जोशी ने 29 सालों बाद मेडिकल सुप्रिटेंडेंट का पद हासिल किया था। 1991 में डॉ जोशी ने रेल मंत्रालय दिल्ली में बतौर एक्ज़ीक्यूटिव हेल्थ डायरेक्टर सेवा की थी, जिसके बाद वो मुंबई में मेडिकल डायरेक्टर पदस्थ हुईँ। डॉ जोशी असम के चीफ मेडिकल डायरेक्टर पद से रिटायर हुई थीं। जिसके बाद रतलाम, मध्यप्रदेश आकर उन्होंने आदिवासियों के इलाज में अपनी जिंदगी समर्पित कर दी।


साल 2016 में डॉ लीला जोशी का नाम भारत की 100 सफल महिलाओं की सूची में आया था, जिसके लिए उन्हें  प्रणव मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया गया था। इससे पहले डॉ जोशी को एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित के हाथों से वुमेन प्राइज अ‌वॉर्ड से भी नवाज़ा जा चुका है।


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