नई दिल्ली. कर्ज के बोझ में दबी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के नतीजे घोषित किए। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उसे दिसंबर तिमाही में 934 करोड़ रुपए का स्टेंडअलोन शुद्ध मुनाफा हुआ है। पिछले साल कंपनी को समान अवधि में 6,705 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के बीच उसे ऑपरेशंस के जरिए 2,432 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है, जबकि इस अवधि में 2,605 करोड़ रुपए का व्यय हुआ है। हालांकि, इन वित्तीय नतीजों से डीएचएफएल की तस्वीर स्पष्ट नहीं होती है। इंसोल्वेंसी नियमों के अनुसार, उसने कर्जदाताओं को ब्याज का भी भुगतान नहीं किया है। कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि उसने दिवालिया प्रक्रिया (3 दिसंबर 2019) शुरू होने के कारण कानूनी सलाह लेने के बाद कर्जदाओं को 527 करोड़ रुपए की ब्याज का भुगतान नहीं किया है। इंसोल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड 2016 के अनुसार दिवालिया प्रक्रिया शुरू होने के बाद कंपनी कर्जदारों को किसी भी प्रकार के ब्याज का भुगतान नहीं करेगी। कंपनी ने कहा है कि यदि वह ब्याज का भुगतान करती तो तीसरी तिमाही में उसका मुनाफा घटकर 392.39 करोड़ रुपए पर आ जाता।
डीएचएफएल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कंपनी पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही से वित्तीय संकट का सामना कर रही है। इसके अलावा फरवरी 2019 से कंपनी की क्रेडिट रेटिंग में लगातार गिरावट हो रही है। 5 जून 2019 को क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने रेटिंग को डिफॉल्ट ग्रेड में कर दिया था। कॉरपोरेट मंत्रालय ने भी कंपनी के खिलाफ सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) जांच शुरू करा दी है। इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने कुछ खास कर्जदाताओं को दिए गए लोन की भी जांच शुरू कर दी है। डीएचएफएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर कपिल वाधवानी गैगस्टर इकबाल मिर्ची के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग की एक जांच में नाम आने के बाद जेल भेजे जा चुके हैं। कंपनी का कहना है कि वह जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रही है।