खंडवा. खालवा की मांझरी नदी में 6 फरवरी को बसंत राजपूत (35) की सिर कुचली लाश मिलने के मामले में पुलिस ने मृतक की पत्नी, बड़े भाई, मां और 3 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह ने मामले का खुलासा किया।
पुलिस के अनुसार, बसंत से उसकी पत्नी शोभाबाई परेशान हो गई थी। जिससे छुटकारा पाने के लिए उसने अपने जेठ संतोष पिता रूप सिंह से कहा कि बसंत को रास्ते से हटा दो, नहीं तो मैं मर जाऊंगी। बसंत को जान से मारने के लिए उसके बड़े भाई ने ग्राम सालीढाना के फर्जी डॉक्टर मुकेश अनोखीलाल से संपर्क किया। डॉक्टर ने इसके लिए 10 लाख में सुपारी ली। आरोपी मुकेश उसे जहर का इंजेक्शन लगाकर मारना चाहता था, लेकिन जहर की व्यवस्था नहीं हुई। आरोपी ने आदतन बदमाश सालीढाना गांव के बबलू उर्फ खंडवा टू पिता हरलाल गुरुवा (32), लालबहादुर पिता बाबूलाल (54) को 2 लाख में बसंत की हत्या की सुपारी दी। 20 हजार एडवांस भी दिए। आरोपी बबलू और लालबहादुर ने बसंत के साथ घटना वाले दिन शराब पी। मांझरी नदी के पास ले जाकर उसके साथ मारपीट कर सिर पर पत्थर मार दिया।
जेठ के साथ रहना चाहती थी बसंत की पत्नी
सूत्रों के मुताबिक मृतक की पत्नी पति से परेशान हो गई थी। मृतक बसंत बने हुए खाना, आटा व सब्जी में गंदगी कर देता था। शोभाबाई अपने जेठ के लगातार संपर्क में थी। फोन पर दोनों के बीच रोज बातचीत होती थी। शोभाबाई ने जेठ के साथ पत्नी बनकर रहने का मन बना लिया था। इसलिए उसने बसंत को किसी भी तरह से रास्ते से हटाने के लिए साजिश रची। आरोपियों के पास कृषि भूमि काफी है।
बसंत पर दस साल पहले हुआ था एसिड अटैक
करीब 10 साल पहले बसंत का चेहरा एसिड अटैक के कारण बिगड़ गया था। तब गांव वालों की मदद से उसका उपचार हुआ था। एक साइड की आंख से दिखता भी नहीं था। चेहरा भयावह होने के कारण चिड़चिड़ा होकर पत्नी व भाई, मां से भी विवाद करता था। ग्रामीणों के मुताबिक बसंत जब नाबालिग था तब उसने नाबालिग की हत्या कर दी थी।
- आरोपी मुकेश और लालबहादुर दोनों ग्राम सालीढाना के है। पुलिस को अंदेशा है कि कहीं पूर्व में किसी मामले में आरोपी ने इस तरह किसी की हत्या तो नहीं की है। अनसुलझे मामलों में जांच की जाएगी।
- आरोपी बबलू का उपनाम खंडवा टू है। क्योंकि आरोपी ज्यादातर खंडवा में रहकर जेबकटी व छोटी-मोटी वारदात करता है। इसलिए उसका नाम खंडवा टू पड़ गया। बबलू के साथ मृतक बसंत का भाई संतोष है।
- बसंत की पत्नी शोभाबाई व मां पार्वतीबाई जेल जाने से पहले आपस में ही एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे। पार्वतीबाई ने कहा मैं तो इस उम्र में जबरदस्ती फंस गई। पुलिस को पहले ही सब बता देना था। बुढ़ापे में बहुत बड़ी गलती हो गई। हे! राम... अब क्या होगा।