2 स्कूलों के 2 हजार से अधिक बच्चों की पढ़ाई पर संकट, बोर्ड-डेस्क सब खाक

नई दिल्ली. उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे की मार से बिगड़ी बृजपुरी के अरुण मॉडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल और बाबू नगर शिव विहार स्थित डीआरपी स्कूल पर सबसे अधिक पड़ी है। अरुण मॉडर्न स्कूल के संचालक पूर्व विधायक भीष्म शर्मा का कहना है कि शिक्षा विभाग को नुकसान की जानकारी दे दी गई है। सारा रिकाॅर्ड, डेस्क और स्कूल जल गया जिसमें अभी स्कूल तुरंत शुरू करने की स्थिति में नहीं है। इस 1-12वीं तक के स्कूल में करीब 1200 बच्चे पढ़ते हैं, इनके भविष्य को लेकर भीष्म शर्मा का कहना है कि शिक्षा विभाग कुछ व्यवस्था करेगा क्योंकि इस बिल्डिंग में अभी बच्चे नहीं बैठाए जा सकते। भास्कर ने डीआरपी स्कूल के संचालक धर्मेश शर्मा का कहना है कि दंगे की वजह से स्कूल का सामान जला है।


बिल्डिंग में भी जो दिक्कत हुई है यानी दंगे के दाग पड़े हैं, उसे साफ करने का काम चल रहा है। कोशिश है कि जल्द से जल्द बच्चों के लिए स्कूल को तैयार कर दिया जाए। ये स्कूल 10वीं तक का है और करीब 1100-1200 बच्चे हैं। इस मामले शिक्षा निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के स्कूलों को बुलाया गया था। वजीराबाद रोड स्थित विक्टोरिया स्कूल और शिव विहार के राजधानी स्कूल को भी थोड़ा बहुत नुकसान पहुंचा है। लेकिन ये स्कूल 7 मार्च तक सरकार की तरफ से घोषित छुट्‌ी और फिर रविवार व उसके बाद होली की छुट्‌टी हो जाएगी। यानी 11 मार्च तक स्कूल तैयार हो जाएंगे। शिक्षा विभाग के अधिकारी का कहना है कि अगर छात्रों को ये स्कूल नहीं रखेंगे तो फिर आसपास के सरकारी स्कूलों में छात्रों को दाखिला देने की जिम्मेदारी निदेशालय की है। दंगा के कारणों से पिछले चार दिनों की परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी थीं। 


सीबीएसई बोर्ड के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने प्रेस बयान जारी करके कहा कि 2888 परीक्षार्थी इन सेंटर के रजिस्टर हैं। 10वीं और 12वीं की सोमवार की परीक्षा में इसमें से 2837 परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंचे। यानी 51 अनुपस्थित रहे। उत्तर पूर्वी दिल्ली के सभी केंद्रों की बात करें तो 98.2 फीसदी उपस्थिति रही। बोर्ड सचिव ने कहा है कि दिल्ली पुलिस, शिक्ष निदेशालय, माता पिता के सहयोग की वजह से इतनी उपस्थिति पहुंच पाई है।


जीटीबी अस्पताल में डेडबॉडी के साथ ही एक कटा हुआ पैर और एक शरीर का ऊपरी हिस्सा भी मोर्चरी में पहुंचा है। मानव शरीर के इन हिस्सों का क्या होगा इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है। जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी में बची हुई चार डेडबॉडी का सोमवार को पोस्टमार्टम हो गया और शव परिजनों को सौंप दिए गए। इस तरह सभी 38 डेडबॉडी का पोस्टमार्टम हो गया है। इस वक्त मोर्चरी में कोई डेडबॉडी नहीं है, सिर्फ एक कटी हुई टांग और शरीर के ऊपरी हिस्से के। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि शरीर के ये दोनों हिस्से भी हिंसाग्रस्त क्षेत्र से ही आए हैं। शरीर के इन हिस्सों का क्या होगा इस पर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है। अस्पताल प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसका फैसला पुलिस करेगी कि उनका क्या किया जाना है। मगर शरीर के इन हिस्सों के मिलने से हिंसा की वीभत्सता का अंदाजा लगाया जा सकता है।


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