देश में लॉकडाउन के कारण दुकानदार पहले ही मांग और आपूर्ति की समस्या का सामना कर रहे हैं ऐसे में मजदूरों के पलायन ने आवश्यक वस्तुओं की पूरी आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित करके आग में घी का काम किया है। इसके कारण आटे से लेकर दाल और खाद्य तेल की सप्लाई में परेशानी बढ़ गई है। ज्यादातर अनाज बाजार बंद हैं, तेल और चावल मिलें न्यूनतम लेबर के साथ चल रही हैं, और ट्रक ऑपरेटरों को उपभोक्ता उत्पादों (एफएमसीजी) को एक शहर से दूसरे शहर तक ले जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यदि 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद भी यही स्थिति रही तो देश कई वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।एफएमसीजी और अन्य आवश्यक सामानों की उचित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों के बावजूद कोरोना महामारी का डर मिलों और कारखानों में काम करने वाले मजदूरों और श्रमिकों को सत्ता रहा है इसके कारण वो काम से दूरी बना रहे हैं।
कोरोना का असर / मजदूरों के पलायन के कारण और गंभीर हुई खाद्य सामान की आपूर्ति की समस्या, लेबर की कमी के कारण घटा उत्पादन