कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए 21 दिन के लॉकडाउन का रविवार को पांचवां दिन था। प्रदेश में बढ़ते संक्रमण के बीच राहत की खबर भी आई। यहां कुछ अस्पतालों में भर्ती 39 में से 7 मरीजों की हालत में सुधार हुआ। इनमें 6 मरीज जबलपुर और 1 मरीज ग्वालियर का है। सभी मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार होने की जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने वीडियो जारी करके दी। इस बीच, संक्रमितों की लगातार बढ़ती संख्या के मद्देनजर इंदौर अब अगले तीन दिन पूरा लॉकडाउन रहेगा। रविवार शाम कमिश्नर आकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया। इसके तहत शहर में 1 अप्रैल तक किराना, सब्जी, दूध समेत अन्य किसी सामान की बिक्री नहीं होगी। न होम डिलेवरी की जाएगी। वहीं खंडवा में स्टेडियम को सब्जी और फल मंडियों में बदलने के आदेश दिए गए हैं। यहां मार्किंग भी की गई है, ताकि लोग एक-दूसरे से तय दूरी पर खड़े हों
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि जो भी व्यक्ति इस लॉकडाउन का उल्लंघन करेगा, उस पर कानूनी कार्रवाई होगी। केवल सात पेट्रोल पंप खुलेंगे। वह भी अनिवार्य सेवा वाले वाहनों को ही ईंधन मुहैया करवाएंगे।
इससे पहले राज्य के अस्पतालों में भर्ती मरीजों पर डॉक्टरों ने कहा- 3 दिन पहले इन मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। सभी की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। 4 दिन बाद एक बार फिर से सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे। तीसरे सैंपल की रिपोर्ट के आधार पर ही फैसला लेंगे।इंदौर में कोरोना संक्रमित 55 वर्षीय महिला तेजी से ठीक हो रही है। पल्स-बीपी सामान्य है। बुखार बिल्कुल नहीं है। हालांकि इसके पहले कोरोना संक्रमण की दोबारा जांच की जाएगी। एक-दो दिन में डिस्चार्ज किया जा सकता है। खातीवाला टैंक निवासी 55 वर्षीय महिला 4 दिन पहले गंभीर स्थिति में अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे हर मिनट 8 लीटर ऑक्सीजन देनी पड़ रही थी, लेकिन अब यह एक लीटर प्रति मिनट पर आ गई है। इंदौर में शनिवार को फिर 5 नए कोरोना पॉजिटिव सामने आए। यहां 5 दिन में औसतन 5 नए केस सामने आए। इंदौर में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 24 हो गई। शनिवार को ग्वालियर में भी बीएसएफ अफसर संक्रमित पाया गया। उसके संपर्क में आए 12 लोगों को क्वारैंटाइन कर जांच के लिए सैंपल भेजे गए। जबलपुर में 8, भोपाल में 3, ग्वालियर-शिवपुरी में 2-2 केस आ चुके हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमित की संख्या 39 हो गई है। अब तक प्रदेश में 2 लोगों की मौत हो चुकी है। 338 संदिग्धों के सैंपल लिए गए, इनमें 264 निगेटिव पाए गए गए। 125 यात्रियों को अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया, जबकि 1060 संदिग्धों को घरों में आइसोलेट किया गया। 80 हजार 670 यात्रियों की जानकारी स्टेट पोर्टल में सर्विलांस के लिए अपलोड की गई।लॉकडाउन का सबसे खासा असर मजदूर वर्ग पर देखा जा रहा। इनके सामने रोजी-रोटी का संकट तो खड़ा हो ही गया, इस त्रासदी से बचने के लिए घरों की ओर भागते समय मध्य प्रदेश के मुरैना के रहने वाले मजदूर युवक की मौत हो गई। 2 दिन से सड़कों पर दौड़ रहा यह युवक भूख-प्यास से बेदम होकर मरा। यहां नागपुर, गोंदिया, अहमदाबाद और सूरत से मजदूर पैदल ही घरों के लिए लौट रहे। मध्य प्रदेश के बैतूल और बालाघाट से लगी महाराष्ट्र की सीमा पर नागपुर और अहमदाबाद, सूरत से मजदूर का समूह पैदल 200 किलोमीटर की यात्रा कर घर लौटने को मजबूर हैं। वहीं यूपी से भी ग्वालियर के रास्ते मजदूर पैदल चलकर आ रहे हैं। शनिवार को एक मजदूर की ज्यादा पैदल चलने से मौत हो गई। मजदूरों के साथ पूरा परिवार है, औरतें, बच्चे और बुजुर्ग सब शामिल हैं।