भारत में कोरोनावायरस के संक्रमण के 900 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। देश में अब तक 26 लोगों की जान इस संक्रमण की वजह से गई है। शनिवार को केरल के कोच्चि में 69 साल के बुजुर्ग और गुजरात में 46 वर्षीय महिला की मौत संक्रमण से हो गई। इसके अलावा तेलंगाना में संक्रमण से मौत का पहला मामला भी आज ही सामने आया। मुंबई में शनिवार को संक्रमण से छठवीं मौत की पुष्टि हुई। यहां 85 वर्षीय सर्जन की शुक्रवार को मौत हो गई थी और शनिवार को उनकी रिपोर्ट आई, जिसमें पता चला कि वे कोरोना पॉजिटिव थे। जिस अस्पताल में यह सर्जन काम करते थे, उसे बीएमसी ने सील कर दिया है। देश में सबसे ज्यादा 6 मौतें मुंबई में ही हुई हैं।
अहमदाबाद में जिस महिला की मौत हुई, उन्हें 26 मार्च को हाइपरटेंशन और डायबिटीज की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे वेंटिलेटर पर थीं। गुजरात में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 4 पर पहुंच गया है।
गुरुवार को देश के अलग-अलग राज्यों में 7 संक्रमितों की जान गई थी। इनमें से दो सिर्फ राजस्थान के भीलवाड़ा में थीं। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने शुक्रवार को बताया- 'वेंटिलेटर की कमी दूर करने के लिए 10 हजार नए वेंटिलेटर खरीदने का फैसला लिया गया है। साथ ही सरकारी उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) से 30 हजार वेंटिलेटर तैयार करने को कहा गया है।
उधर, कर्नाटक में आज तीसरी मौत हुई। इससे पहले यहां 11 और 26 मार्च को कोरोना से मौत हुई थी। शुक्रवार को जिस बुजुर्ग ने जान गंवाई वह 5 मार्च को संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के एस6 कोच में परिवार के 13 सदस्यों के साथ दिल्ली गया था। यहां वह जामा मस्जिद भी गया था। इसके बाद 11 मार्च को बुजुर्ग कोंगु एक्सप्रेस के एस9 कोच में बैठकर तुमकुर लौटा था। 18 मार्च को कफ और बुखार की शिकायत के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। 24 मार्च को बुजुर्ग जिला अस्पताल से छुट्टी लेकर प्राइवेट इलाज कराने लगा। लेकिन बाद में फिर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कर्नाटक के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, बुजुर्ग के 24 सबसे करीबी लोगों को ट्रेस किया जा चुका है। जिसमें से 13 लोगों को आइसोलेट किया गया है। इन 13 के अलावा तीन हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स और 8 लोगों की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है। हालांकि, इन 11 लोगों को घर पर क्वारैंटाइन किया गया है।