आर्थिक संकट से जूझ रहे यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बाद सोमवार को सीबीआई ने मुंबई में कपूर से जुड़े 7 ठिकानों पर छापेमारी की। सीबीआई ने कपूर और उसके परिवार को कथित तौर पर 600 करोड़ रु. की रिश्वत दिए जाने के मामले में शनिवार को केस दर्ज किया था। यह मामला दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) से जुड़ा हुआ है। सीबीआई के केस दर्ज करने का खुलासा ईडी की ओर से कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में हुआ।
ईडी कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच कर रही है। पूछताछ और जांच में सहयोग नहीं करने पर उन्हें रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद विशेष अवकाश अदालत ने कपूर को 11 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया। कपूर को रिमांड पर लेने के लिए ईडी ने कोर्ट में एनफोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) रिपोर्ट पेश की थी। इसमें सीबीआई की एफआईआर का ब्यौरा दिया गया है।
कपूर और परिवार की तरफ से हुआ 2 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट, 44 बेशकीमती पेटिंग्स और 12 शेल कंपनियां ईडी के जांच के दायरे में हैं। राणा कपूर की बेटी रोशनी कपूर को भी मुंबई एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने रोक लिया। वे लंदन जा रही थीं। इससे पहले कपूर को शनिवार सुबह ईडी ने पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया था, जांच में सहयोग न करने पर रविवार तड़के 3 बजे उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई की एफआईआर में कपूर के साथ उनके परिवार की कंपनी डू इट अर्बन वेंचर्स और डीएचएफएल के प्रोमोटर-डाइरेक्टर कपिल वाधवान के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया है। सीबीआई का आरोप है कि कपूर ने वाधवान के साथ मिलकर डीएचएफएल कंपनी को यस बैंक के जरिए वित्तीय मदद पहुंचाई। इसके बदले में कपूर और उनके परिवार को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। इस काम के लिए कपूर परिवार की कंपनियों का इस्तेमाल हुआ।