देश में कोरोना वायरस के कारण कोहराम मचा हुआ है. हर दिन कोरोना वायरस के नए संक्रमित मामले देश में सामने आ रहे हैं. इस बीच कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाए जाने के लिए टेस्टिंग एक अहम कड़ी के रूप में साबित हो रही है. हालांकि देश में प्रति 10 लाख लोगों पर टेस्टिंग का आंकड़ा हर राज्य में अलग-अलग है.
भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण 13 हजार के आंकड़े को पार कर चुका है. वहीं अब तक 437 लोगों की कोरोना वायरस के कारण देश में मौत हो चुकी है. भारत में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, राजस्थान, और मध्य प्रदेश हैं. वहीं पिछले एक सप्ताह में 6000 से ज्यादा कोरोना वायरस के नए संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं.
हालांकि जब सवाल भारत में कोरोना टेस्टिंग का उठता है तो 15 अप्रैल 2020 को रात 9 बजे तक देश 2 लाख 58 हजार 730 लोगों का टेस्ट कर चुका है. हालांकि देश में प्रति 10 लाख लोगों में सिर्फ 203 लोगों के टेस्ट किए गए हैं और प्रति 10 लाख लोगों में से 8 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले हैं. इंडिया टुडे की डाटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) ने राज्यों के आंकड़ों के आधार पर ये भी पता लगाया है कि कौन-सा राज्य टेस्ट करने के मामले में बेहतर है.
15 अप्रैल तक के आंकड़ों के मुताबिक भारत के राज्यों में टेस्ट करने के मामले में राजस्थान नंबर 1 पर है. प्रति 10 लाख लोगों पर राजस्थान ने 476 टेस्ट किए हैं. केरल ने प्रति 10 लाख लोगों पर 465 टेस्ट किए हैं. इसके अलावा प्रति दस लाख लोगों पर महाराष्ट्र में 417, गुजरात में 312, तमिलनाडु में 285, कर्नाटक में 231, आंध्र प्रदेश में 218, मध्य प्रदेश में 168, ओडिशा में 147, उत्तर प्रदेश में 84, बिहार में 72 और पश्चिम बंगाल में 35 टेस्ट किए गए हैं. बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल में प्रति दस लाख लोगों पर टेस्ट की संख्या 100 से भी नीचे है.