कोरोनावायरस के कहर के साथ किसान मौसम से भी खौफजदा हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर में शुक्रवार देर रात हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि ने फसल तहस नहस कर दी। वहीं, यूपी,पंजाब-हरियाणा, झारखंड और मध्य प्रदेश में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश ने खेत-खलिहानों में कटी रखी फसल को काफी नुकसान पहुंचाया। किसानों का कहना है- पानी लगने से अनाज के काला पड़ने का खतरा है। राजस्थान में तापमान बढ़ा हुआ है, लेकिन आसमान में छाए बादलों से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंची हैं। इधर, महाराष्ट्र के मौसम विभाग ने रविवार को तूफान की आशंका जताई है।
मुजफ्फरपुर जिले के उत्तर-पूर्वी इलाके के मीनापुर, कांटी, औराई, कटरा, बोचहां और गायघाट प्रखंड में शुक्रवार रात 9 बजे के बाद बारिश के साथ ओलावृष्टि से आम-लीची के साथ-साथ गेहूं की फसल को खासा नुकसान हुआ है। हवा की रफ्तार 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे थी। इससे कई स्थानों पर कच्चे मकान के साथ पेड़ गिर गए। शुक्रवार रात दस बजे से पहले पूर्वी चंपारण में आंधी-पानी के साथ ओलावृष्टि हुई। हथौड़ी में कुछ जगहों पर पेड़ टूट गए। खपरैल मकान गिर गए। औराई में ओला गिरने से एसबेस्टस की छत टूट गई।
अमृतसर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में भारी बारिश हुई है। जालंधर,बठिंडा, फरीदकोट, फिरोजपुर और अन्य जिलों में भी यही हाल रहा। शुक्रवार रात दस बजे से शनिवार सुबह छह बजे तक कहीं हल्की तो कहीं ज्यादा बारिश ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। अचानक बदले मौसम की वजह से लगभग मालवा से लेकर माझा तक लगभग 9° सेल्सियस तापमान कम दर्ज किया गया। तापमान गिरने से गेहूं की कटाई का काम भी प्रभावित रहा। ऐसे में खेत-खलिहानों में कटी रखी फसल और मंडियों में रखे अनाज के खराब होने का खतरा मंडरा रहा है। पंजाब के विभिन्न जिलों में 3800 खरीद केंद्रों पर 15 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है। महामारी के कारण मंडी में किसानों को फसल खरीद हेतु टोकन दिया जा रहा है, जिससे किसान मंडी में अपनी इच्छा से फसल नहीं लेकर आ पा रहे। जिन किसानों को मंडी बोर्ड द्वारा टोकन जारी किया जा रहा है, वे ही फसल मंडी में ला रहे हैं।
शहर और आसपास के क्षेत्रों में शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन हल्की बारिश हुई। दोपहर तक तेज धूप के बाद बादल छाए और बारिश शुरू हो गई। इसके बाद भी लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिल रही। अधिकतम तापमान 2 डिग्री बढ़ोतरी के साथ 41.2° सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। यह इस सीजन का सबसे अधिक तापमान है। तापमान बढ़ने की मुख्य वजह दोपहर तक तेज धूप रही। साथ ही 25 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गर्म हवा भी चली। मौसम विभाग के रांची केंद्र के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से मौसम में बदलाव आया। इसका असर 3 से 4 दिन तक रहेगा। वहीं, रांची, गुमला, चाईबासा, सिमडेगा व खूंटी में मौसम विभाग ने हल्की बूंदाबांदी का अलर्ट जारी किया था, पर इन क्षेत्र में बारिश नहीं हुई।
उत्तर प्रदेश में भी शुक्रवार देर शाम को अचानक ही मौसम का मिजाज बदल गया। पश्चिमी यूपी में शाम को धूल भरी आंधी चली और कई जगह पर हल्की बारिश हुई। इससे किसानों की खलिहानों में पड़ी फसल पर प्रतिकूल असर पड़ा। आंधी-पानी से किसानों को नुकसान होने की संभावना है। मौसम निदेशक जेपी गुप्ता के अनुसार, शनिवार को भी राज्य के कई जिलों में धूल भरी आंधी और गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है। उन्होंने बताया कि बताया कि यह पश्चिमी विक्षोभ का असर रविवार और सोमवार को भी जारी रहेगा और पूर्वी उत्तर प्रदेश का मौसम खराब बना रहेगा। कहीं-कहीं ओलावृष्टि के भी आसार जताए गए हैं। मौसम में होने वाला यह बदलाव प्रदेश के किसानों के लिए नई मुसीबत लेकर आने वाला है क्योंकि इन दिनों गेहूं की कटाई चल रही है।