मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल के गठन की कवायद तेज कर दी है। अगले सप्ताह मंत्रिमंडल का गठन होने की संभावना है। भाजपा की सरकार बनने पर शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को राजभवन में सादे समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। कोरोना संकट को देखते हुए उन्होंने अकेले शपथ ली थी। इसके बाद से वह कोरोनावायरस की महामारी से पैदा हुए कारणों से जूझ रहे हैं। इसे लेकर वह विपक्ष के निशाने पर भी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चार दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि देश का इकलौता राज्य है, जहां कोरोना संकट में स्वास्थ्य मंत्री और गृहमंत्री नहीं है।
इधर, मंत्रिमंडल के गठन को लेकर कई बार चर्चाएं हुईं, लेकिन आज तक मंत्रिमंडल नहीं बन पाया। पार्टी सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल के गठन को लेकर आंतरिक स्तर पर मुख्यमंत्री की वरिष्ठ नेताओं से लगातार चर्चाएं चल रही हैं। मंत्रिमंडल गठन में पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की राय को भी तवज्जो दी जा रही है। सिंधिया ने गुरुवार को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में आई थी, लेकिन वरिष्ठ नेता सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों के कांग्रेस से बगावत के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को लगभग एक माह पहले 20 मार्च को त्यागपत्र देना पड़ा था। इसके बाद 23 मार्च को शिवराज ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।