लगभग पूरा विश्व आज कोरोना महामारी की चपेट में है. वहीं भारत में अब तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 9000 के पार चली गई है, जबकि मरने वालों का आंकड़ा भी 300 से अधिक है. ऐसे में सवाल उठता है कि चीन के वुहान से शुरू हुई ये महामारी भारत तक कैसे पहुंची? क्या इसके लिए वे लोग जिम्मेदार हैं, जिन्होंने विदेशों से वापसी के दौरान दवाई खाकर प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने का काम किया.
ऐसा ही एक मामले का पता चला है जिसमें एक महिला ने पैरासिटामोल खाकर एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग को धोखा दिया था. संभावना है कि इसी तरह से कई सारे लोगों ने भारत में एयरपोर्ट पर उतरने से पहले पैरासिटामोल दवाई ली होगी ताकि थर्मल मशीन स्क्रीनिंग के दौरान शरीर का तापमान सामान्य रहे. और वे आसानी से भारत में एंट्री पा सकें.
एक महिला जो पैरिस में पढ़ाई करती हैं, वो मध्य मार्च में दिल्ली पहुंची थीं. उन्होंने स्वीकार किया कि वो जब पैरिस से रवाना हुई थीं, उन्हें बहुत तेज बुखार था लेकिन उन्होंने पैरासिटामोल खाकर एयरपोर्ट पर थर्मल मशीन को धोखा दिया.
उन्होंने कहा, 'पैरिस स्थित एक फिजिशियन डॉक्टर ने मुझे सुझाव दिया था कि विमान में चढ़ने से पहले मैं पैरासिटामोल टैबलेट खा लूं. जिससे मेरे शरीर का असल तापमान थर्मल स्क्रीनींग मशीन पर नहीं दिखे. एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग होने के बाद मैंने खुद ही अथॉरिटी से होम क्वारनटीन की बात कही थी. उन्होंने मेरी बात मान ली, नहीं तो मुझे सरकारी क्वारनटीन में भेज दिया जाता.'