दिल्ली के स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट (डीएससीआई) में 2 डॉक्टरों समेत 18 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इसके बाद केजरीवाल सरकार ने मंगलवार को अस्पताल बंद करा दिया। अब यहां भर्ती 19 कैंसर मरीजों का भी कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। अगर इनकी रिपोर्ट निगेटिव आई तो उन्हें दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा। ऐहतियातन अस्पताल की पूरी बिल्डिंग को सैनिटाइज किया जा रहा है।
डीएससीआई के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. बीएल शेरवाल ने बताया कि कैंसर के मरीज की प्रतिरोधी क्षमता कम होती है, ऐसे में उनमें संक्रमण का ज्यादा खतरा है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी मरीजों का कोरोना टेस्ट कराने का फैसला किया गया है। मरीजों को शिफ्ट करने के लिए धर्मशिला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल से बात की जा रही है।
उन्होंने कहा कि संक्रमित पाए गए डीएससीआई के स्वास्थ्यकर्मियों में से कुछ को राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनके संपर्क में आने वाले दूसरे लोगों का पता लगाया जा रहा है। पिछले हफ्ते अस्पताल के एक 35 साल की महिला डॉक्टर पॉजिटिव मिली थी। इसके बाद जांच कराई गई तो एक अन्य डॉक्टर और 16 नर्सों में भी संक्रमण की पुष्टि हुई।
केजरीवाल सरकार के मुताबिक, राजधानी में अब तक 525 संक्रमित मिल चुके हैं, जिनमें से 329 मामले तब्लीगी जमात से जुड़े हैं। यहां अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण रोकने के लिए टू ‘टी’फार्मूले से काम कर रही है। पहले ‘टी’का मतलब है टेस्टिंग। अगर टेस्टिंग नहीं होगी तो संक्रमितों का पता नहीं चलेगा। यह फैलता रहेगा। दक्षिण कोरिया ने हर एक आदमी की जांच की। हम भी अब ऐसा ही करेंगे। दूसरे टी का मतलब है ट्रेसिंग, इसमें हम संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाएंगे।