वर्ष 2020 का अंतिम सुपरमून आज यानी गुरुवार की शाम 4:15 बजे अपने पूरे आकार में दिखाई देगा. इस समय चांद पूरी तरह चमकदार दिखाई देगा. इस सुपरमून को सुपर फ्लावर मून (Super Flower Moon) और कॉर्न प्लांटिंग मून के नाम से भी जाना जाता है. इसे फूल मिल्क मून भी कहा जाता है. नासा (NASA) के मुताबिक गुरुवार की शाम 4.15 बजे यह सुपरमून अपने पूरे प्रभाव में दिखाई देगा.
हालांकि, भारत में सुपरमून का दीदार नहीं हो पाएगा क्योंकि यहां दिन होगा और इस दौरान सूर्य की किरणें उस पर भारी पड़ेंगी. लेकिन इस खगोलीय घटना के नजारे को इंटरनेट पर देखा जा सकता है. दरअसल इस समय चंद्रमा पृथ्वी के काफी करीब होगा.
दरअसल, पृथ्वी और चंद्रमा के बीच औसतन दूरी 384,400 किमी होती है, लेकिन सुपरमून (Supermoon) के दौरान यह दूरी करीब 23,000 किमी कम हो जाती है. जिसके बाद चांद और पृथ्वी के बीच का फासला करीब 361,184 किलोमीटर रह जाती है.
चांद के पृथ्वी के नजदीक आने के कारण बाकी दिनों के मुकाबले चांद 14 फीसदी बड़ा और 30 प्रतिशत फीसदी ज्यादा चमकदार दिखाई देता है. पिछले वर्ष 7 अप्रैल को लोगों ने सुपरमून का दीदार किया था.
क्या होता है सुपरमून (What is supermoon)?
चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है और वो पृथ्वी का चक्कर लगाता है. चक्कर लगाने के दौरान साल में एक बार चंद्रमा पृथ्वी के काफी करीब आ जाता है. सबसे नजदीक होने के कारण चांद का आकार सामान्य दिनों के मुकाबले बड़ा और ज्यादा चमकदार दिखाई देता है, इसे ही सुपरमून कहा जाता है.