इंदौर. मप्र की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में आर्थिक गतिविधियां और फिर से कारोबार शुरू करने के लिए गुरुवार को रेसीडेंसी कोठी में लोहा, सीमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील कारोबारियों की बैठक हुई। इसमें कारोबारियों ने बताया कि पूरे प्रदेश में यहां से माल सप्लाय होता है। कई कारोबार एेेसे हैं जिनके लिए अभी माल की जरूरत है, बारिश आने के बाद समस्या आ जाएगी, इसलिए गोदामों से माल का परिवहन करने की मंजूरी दी जाना चाहिए। सीमेंट की ही 50 हजार से अधिक बोरियां रखी हैं। लोहे का भी करोड़ों का माल रखा है। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक्स आयटम रखे हैं। इसके बाद प्रशासन ने सीमेंट, लोहा, स्टील देशभर में ग्रीन एवं ऑरेंज जोन वाले शहरों में भेजे जाने की अनुमति दी। सीमेंट कारोबारी शहर की सीमा से माल निकालकर बाहर के गोदामों में रख सकेंगे और वहां से बाहर भिजवा पाएंगे।
आईटी कंपनियां भी 30% कर्मचारियों के साथ काम शुरू कर सकेंगी। लोहा और स्टील जैसे क्षेत्रों में भी काम शुरू करने की इजाजत दी है। आगे अन्य कारोबारियों को भी राहत दी जाएगी। बैठक में सांसद शंकर लालवानी, कलेक्टर मनीष सिंह, डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र,एमपीआईडीसी के रीजनल डायरेक्टर कुमार पुरुषोत्तम सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने प्रशासन ने दी बैंकिंग की मंजूरी लॉकडाउन के दौरान बैंकों मेें आमजन के लेनदेन पर रोक है। वहीं धीरे-धीरे व्यावसायिक गतिविधियां तेज करने के लिए प्रशासन लगातार व्यावसायिक संस्थानों को मंजूरी दे रहा है। रसोई गैस, पेट्रोल पंप, दवा व्यवसायियों, किराना व्यापारियों व अन्य संस्थानों के बाद प्रशासन ने 31 अन्य व्यावसायिक प्रतिनिधियों को बैंकिंग की मंजूरी जारी की है। एडीएम बीबीएस तोमर ने बताया वे सुबह 11 से शाम पांच बजे तक लेनदेन कर सकते हैं।
बैठक में मौजूद डॉ निशांत खरे ने कहा कि आज बिना टेक्नोलॉजी के अस्पताल नहीं चलाया जा सकता है और कोरोना के कठिन समय में तो तकनीक की भूमिका और बड़ी हो गई है। इसलिए इंदौर में आईटी कंपनियों को काम करने दिया जाना चाहिए। इसके बाद 30 फीसदी कर्मचारियों के साथ अनुमति मिली। लोहा व्यापारी एसोसिएशन की मांग के बाद लोहा व्यापारियों के गोदामों में रखे हुए माल को बाहर भेजने के िलए छह दिन की मंजूरी मिल गई है। बैठक में इल्वा अध्यक्ष आमीर इंजीनियरवाला के साथ उपाध्यक्ष प्रभात मिश्रा, सचिव नंदकिशोर पंचोली, ट्रस्टी अमरजीत सिंह छाबड़ा आदि थे।