भोपाल. राजधानी में सबसे बड़े सरकारी हमीदिया अस्पताल के कोविड वार्ड के तीन वेंटिलेटर में तकनीकी खराबी के कारण ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी आ गई। इससे मरीजों को घबराहट होने लगी। इस पर वार्ड ब्वॉय ने चिल्लाना शुरू कर दिया और अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद हॉस्पिटल की तकनीकी टीम ने जांच की। इस बीच एम्स की टीम को बुला लिया गया। एम्स की टीम ने कोविड सेंटर के साथ सभी फ्लोर पर जाकर ऑक्सीजन की सप्लाई की जांच की। एक घंटे की मशक्कत के बाद तीनों वेंटिलेटर पर सप्लाई का प्रेशर तय मानक के अनुसार चालू हो गया।
गुरुवार सुबह वेंटिलेटर में गड़बड़ी के चलते सुबह दो मरीजों की मौत की भी चर्चा रही थी। हालांकि, शाम को अस्पताल प्रबंधन ने इससे साफ इनकार किया। हमीदिया अस्पताल की डीन डॉ. अरुणा कुमार ने बताया कि वेंटिलेटर में ऑक्सीजन सप्लाई कम होने की शिकायत मिली थी। हमारी टीम और एम्स के छह सदस्यीय विशेषज्ञों की तकनीकी टीम ने वेंटिलेटर और कोविड वार्ड समेत सभी वार्डों की जांच की। उन्हें कोई गड़बड़ी नजर नहीं आई। कोविड वार्ड में एक मरीज की मौत हुई है, लेकिन वह नैचुरल डेथ है।
वेंटीलेटर में खराबी की खबर जैसे ही हमीदिया अस्पताल के प्रबंधन को मिली। उन्होंने कार्रवाई तेज कर दी। स्थानीय स्तर पर इंजीनियर्स और टेक्निकल टीम ने वेंटीलेटर में आ रही दिक्कतों को समझने की कोशिश की। इसके बाद मामले पर काबू पा लिया। एम्स की टीम ने अस्पताल प्रबंधन को अपनी रिपोर्ट अभी नहीं सौंपी है।
अस्पताल के अनुसार, हमीदिया अस्पताल के कोविड ब्लॉक में बुधवार तक 109 कोरोना मरीज भर्ती थे। कोरोना के 13 गंभीर आईसीयू में हैं, जिसमें 4 वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। इस स्पेशल कोरोना वार्ड में 106 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।