नई दिल्ली. कोरोना महामारी के कारण भारत के इतिहास में पहली बार लाल किले में स्वतंत्रता दिवस समारोह अलग ढंग से मनाया जाएगा। पिछले साल की तुलना में इस साल केवल 20% वीवीआईपी या दूसरे लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाइव भाषण को देख पाएंगे। इस बार समारोह में महामारी में जीतने वाले 1500 कोरोना विनर शामिल होंगे। इस समारोह में बच्चे नहीं शामिल हो सकेंगे।
रक्षा सचिव अजय कुमार और एएसआई डाइरेक्टर-जनरल ने पिछले हफ्ते लाल किले का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया था। अजय कुमार ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारियों से सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था करने को कहा था।
सूत्रों के मुताबिक, इस बार का समारोह पूरी तरह से बदला होगा। लाल किले में बच्चे नहीं शामिल होगें। इसके साथ ही एनसीसी (नेशनल कैडेट कॉर्प्स) के कैडेट भी अपनी प्रस्तुति नहीं दे पाएंगे। इसी तरह वीवीआईपी भी लालकिले में उस स्थान पर नहीं बैठ पाएंगे जहां पहले दोनों तरफ करीब 900 लोग बैठते थे। इस बार केवल 100 लोग शामिल होंगे। उन्हें भी लोअर लेवल पर ही बैठना होगा। प्राचीर से ही पीएम भाषण देते हैं।
इस बार समारोह में महामारी से जीतने वाले 1500 कोरोना विनर शामिल होंगे। इनमें 500 लोकल पुलिसकर्मी होंगे और बाकी 1000 देश के अलग-अलग हिस्सों से होंगे। पिछले साल तक, प्रधानमंत्री के भाषण को देखने के लिए कम से कम 10,000 लोग समारोह में शामिल होते थे। हाल ही में हुई एक बैठक में रक्षा मंत्रालय ने तय किया था कि इस बार कोरोना विनर्स को स्वतंत्रता दिवस समारोह में बुलाया जाएगा।