निजी नर्सिंग होम्स और पैथोलॉजी लैब में होगा टेस्ट, रिजल्ट 15 से 30 मिनिट में

कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती तादाद को देखते हुए दिल्ली की तर्ज पर राज्य सरकार ने प्राइवेट हॉस्पिटल और पैथोलॉजी लैब्स में कोरोना का रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने आईसीएमआर की सिफारिश पर यह कदम उठाया है। एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्राइवेट लैब और एनएबीएच मान्यता प्राप्त हॉस्पिटल पीओसी (पाइंट ऑफ केयर) एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट किट के जरिए यह टेस्ट कर सकेंगे। आर्थिक रूप से सक्षम मरीज अपने खर्च पर यह टेस्ट करा सकेंगे, जिसकी रिपोर्ट 15 से 30 मिनिट के भीतर आ जाएगी। इस टेस्ट को करने के इच्छुक लैब और हॉस्पिटल को आईसीएमआर के पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। आईसीएमआर से रजिस्ट्रेशन मिलने के बाद हॉस्पिटल और लैब को एक क्रेडेंशियल लॉगिन मिल जाएगा।


आईसीएमआर ने हरियाणा के मनेसर स्थिति कंपनी एसडी-बायोसेंसर को मध्यप्रदेश में टेस्ट किट सप्लाई के लिए अधिकृत किया है। कंपनी के सलाहकार डॉ. सीएस बेदी के मुताबिक एक टेस्ट किट की कीमत 450 रुपए रुपए है, लेकिन 12% जीएसटी के साथ यह 504 रुपए में उपलब्ध होगी। मध्यप्रदेश सरकार के हेल्थ डायरेक्टर ऑफिस की ओर से प्राइवेट हॉस्पिटल और लैब्स को इस आईसीएमआर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट के आदेश में इसके लिए 4 शर्तें तय की गई हैं। हालांकि टेस्ट की कीमत अभी स्पष्ट नहीं हैं। एडीशनल हेल्थ डायरेक्टर डॉ. वीणा सिन्हा के मुताबिक टेस्ट की कीमत का फैसला सरकार के स्तर पर लिया जाएगा।


मप्र में इस टेस्ट के लिए रेट अभी तक तय नहीं हैं। सस्ता और जल्दी होने के कारण यह टेस्ट कम्युनिटी टेस्टिंग के लिए तो बहुत बेहतर है, लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि इस टेस्ट में फाल्स नेगेटिविटी ज्यादा है, ऐसे मरीज जिनकी सर्जरी करना है, उनके लिए आरटी-पीसीआर करना ही पड़ेगा। इस कारण मप्र के नर्सिंग होम्स इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। दिल्ली में यह काफी सफल रहा है, लेकिन तमिलनाडू में इसे बैन कर दिया गया है। -डॉ. राहुल खरे, प्रदेश सचिव, मध्यप्रदेश नर्सिंग होम्स एसोसिएशन


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