दैनिक भास्कर की मृत्यु भोज जैसी प्रथा को बंद करने की पहल से लोग जुड़ते जा रहे हैं। राजपूत समाज से अखिल भारतीय क्षत्रिय महासंघ महिला इकाई भी इसके लिए आगे आई है। इकाई की अध्यक्ष डॉ. अर्चना राठौर ने दैनिक भास्कर की इस पहल की सराहना करते हुए कहा हमारे परिवार में कुछ समय पहले भांजे हितेष पंवार का निधन हुआ था, जिसका मृत्यु भोज नहीं दिया गया। इसी तरह 6 वर्ष पूर्व भी सास और आठ वर्ष पूर्व भतीजे के निधन पर मृत्यु भोज नहीं दिया था। इकाई से जुड़े राघवेंद्र सिंह सिसोदिया ने बताया समाज में बहुत पहले से ही मृत्यु भोज बंद कर दिया गया है। सिर्फ जो मेहता और घर में शोक के समय आने वालों को ही भोजन कराया जाता है। राजपूत समाज के कार्यकारी अध्यक्ष रविराज राठौर ने बताया समाज में कहीं निधन होने पर पारिवारिक लोग ही घर में भोजन करते हैं। जितेंद्र सिंह राठौर ने कहा परिवार के लोगों को भी सादा भोजन ही दिया जाता है। समाज के जितेंद्रसिंह सिसौदिया का कहना है पारिवारिक भोजन में भी मृत्योपरांत मीठा बिल्कुल बंद है। दैनिक भास्कर के द्वारा की गई इस पहल के मद्देनजर समाज के पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से मृत्यु भोज नहीं किए जाने के संकल्प को दोहराया। संकल्प व्यापारी संघ अध्यक्ष नीरज राठौर ने इसके लिए सभी को संकल्प दिलाया। इस अवसर पर अरुण भावसार, गजेंद्र चंद्रावत, सुनील सोलंकी, नाहरसिंह, जीवन पडियार, हुक्मीचंद, विष्णु व्यास, राकेश झरबड़े, सुनील, सुभाष, उमाशंकर ने मौजूद रहकर मृत्यु भोज ना करने का संकल्प लिया।