एक दशक बाद ऐसा मौसम देखने को मिल रहा है जब आषाढ़ के बाद सावन भी लगभग सूखा बीता जा रहा है, सावन माह खत्म होने में सिर्फ 8 दिन शेष रह गए हैं और दर्ज होने लायक बारिश सिर्फ 4 से 5 दिन ही हो पाई है। उसमें भी सावन के पहले सोमवार को झमाझम बारिश हुई थी, बाकी के दिनों में तो बादल सिर्फ थोड़ी देर बरसकर रवाना हो गए। सावन का महीना 3 अगस्त पूर्णिमा रक्षाबंधन त्योहार के साथ खत्म हो रहा है और 4 अगस्त से भादो की शुरूआत हो रही है, लेकिन बादल हैं कि बरसने का नाम ही नहीं ले रहे, बारिश न होने से किसान मायूस हैं। कृषि विभाग के अनुसार जिले में बोवनी लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन बारिश थमने से किसानों को फसलों की बढ़त न होने की फिक्र सता रही है। यदि ऐसा ही रहा और सूखा पड़ गया तो पानी के साथ-साथ अनाज की किल्लत भी लोगों को भोगनी होगी, यह कोरोना महामारी में कमर टूटने जैसा होगा।
मौसम विभाग की मानें तो जिले का अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री सेल्सियस रहा जो कि सामान्य से 4 डिग्री अधिक था। वहीं न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री रहा जो सामान्य से 1 डिग्री कम था। आर्द्रता 76 प्रतिशत थी। बारिश का कुल आँकड़ा अब तक 255.5 मिमी तक ही पहुँच पाया है। दक्षिणी-पश्चिमी हवाएँ 5 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं।