मध्यप्रदेश के 20 जिलों में तीन दिन से भारी बारिश हो रही है। इसका जनजीवन पर असर देखा जा रहा है। भोपाल में शुक्रवार सुबह से शनिवार सुबह (8:30 बजे) तक 215.4 मिमी (8.5 इंच) पानी गिर चुका है। इससे पहले शहर में 14 अगस्त 2006 को 299 मिमी बारिश हुई थी। उधर, इंदौर में भी इस दौरान 10 इंच बारिश हुई।
भोपाल का बड़ा तालाब पानी से पूरी तरह लबालब हो गया। तेज बारिश के चलते भदभदा डैम के एक-एक कर छह गेट खोलने पड़े। भोपाल एयरपोर्ट के रनवे पर पानी भरने के कारण फ्लाइट्स ऑपरेशन बंद रहा।
मौसम विभाग ने एक साथ 21 जिलों के लिए रेड, औरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। रविवार को ऐसा ही मौसम बना रहने का अनुमान है। 24 और 25 अगस्त के बाद से बारिश से कुछ राहत मिल सकती है। बारिश के बाद सीएम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर समीक्षा की। कलेक्टरों को छोटे-बांधों की देखभाल के लिए कहा गया है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण कंट्रोल रूम भी अलर्ट मोड में है।
ज्यादातर नदियां उफान पर
भोपाल और इंदौर के अलावा भी बारिश के चलते मध्यप्रदेश की ज्यादातर नदियां उफान पर हैं। तवा, बरगी, बाणसागर, बारना समेत भोपाल के बाणसागर बांध के गेट खोल दिए गए। मौसम वैज्ञानिक ममता यादव ने बताया कि शनिवार काे भोपाल, उज्जैन, सागर, जबलपुर और ग्वालियर संभागों में भारी बारिश के आसार हैं।
इंदौर में 24 घंटे में 10 इंच बारिश
शहर में पिछले 24 घंटे में 263.2 मिमी यानी करीब 10.35 इंच बारिश हो चुकी है। शहर की औसत बारिश 34 इंच है। अब तक शहर में 32 इंच पानी गिर चुका है। बारिश से इंदौर की 50 से ज्यादा कॉलोनियां पानी-पानी हो गईं। 20 से ज्यादा निचली बस्तियों में तो कमर तक पानी भरा है। धार रोड के नावदा पंथ में तो एक परिवार मुसीबत में फंस गया। इनकी कार पानी में डूब गई, जिसके बाद क्रेन की मदद से इन्हें बाहर निकाला गया। इसके अलावा, गांधी नगर, भावना, प्रजापति नगर सहित कई पॉश इलाके पानी-पानी हो गए हैं। यशवंत सागर बांध के लबालब होने से सभी गेट खोल दिए गए हैं।