500 करोड़ के माइनिंग फंड का एक तिहाई कोविड में खर्च होगा, मंत्री-विधायक वेतन का 30% मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे

प्रदेश के 22 जिलों में माइनिंग से एकत्रित होने वाले 500 करोड़ के फंड की 30 फीसदी राशि अब कोविड संक्रमण के नियंत्रण में खर्च की जाएगी। इसके साथ ही विधायक निधि की राशि का उपयोग आवश्यक उपकरण, फेस मास्क, थर्मामीटर, पीपीई किट्स, टेस्टिंग किट, वेंटिलेटर और सैनिटाइजर की खरीदी के लिए किया जाएगा।


कोरोना की समीक्षा के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने यह बात कही। उन्होंने अपने वेतन की 30 फीसदी राशि सीएम रिलीफ फंड में देने की घोषणा की। पहली तिमाही के एक लाख 40 हजार रु. जमा भी किए। उन्होंने मंत्रियों और विधायकों से भी कहा कि वे भी वेतन का 30% रिलीफ फंड में दें। मंत्रियों बताया गया कि कोविड नियत्रंण में राज्य के बजट का एक बड़ा हिस्सा व्यय हुआ है।


आगे भी राशि की जरूरत होगी। इसलिए खर्च में कटौती की जा रही है। व्यक्तिगत तौर पर कुछ मदद हो सके तो करनी होगी। इसीलिए वेतन का कुछ हिस्सा दिया जाए। मध्यप्रदेश में एक अगस्त से ‘संकल्प की चेन जोड़ो, संक्रमण की चेन तोड़ो’ अभियान चलाया जाएगा। माइनिंग फंड की राशि की मंजूरी संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रियों को जिलों के प्रभार अगले सप्ताह तक आवंटित कर दिए जाएंगे।


आत्मनिर्भर मप्र का रोडमैप 15 अगस्त को आएगा
उन्होंने यह भी कहा कि आगामी 15 अगस्त को आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का रोडमैप जनता के सामने रखा जाएगा। इसके चार प्रमुख क्षेत्र स्वास्थ्य एवं शिक्षा, अर्थव्यवस्था एवं रोजगार, भौतिक अधोसंरचना विकास तथा सुशासन होंगे। यह रोडमैप भारत सरकार के नीति आयोग के सहयोग से आगामी 3 वर्षों के लिए तैयार किया जा रहा है। इसे बनाने के लिए अपर मुख्य सचिव स्तर के चार वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में टीमें निरंतर कार्य कर रही हैं। अगस्त के दूसरे सप्ताह 7,8, 10 व 11 तारीख को वेबीनार पर विशेषज्ञों से बात की जाएगी।


नया लॉकडाउन अब किसी भी जिले में नहीं
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अर्थ व्यवस्था को ठीक करने के लिए अब किसी भी जिले में नया लॉकडाउन नहीं होगा। जिन जिलों में पूर्व से लॉकडाउन घोषित है या रविवार का लॉकडाउन है, वहीं यह लागू रहेगा। यदि किसी जिले में अपरिहार्य कारणों से लॉकडाउन की आवश्यकता होती है तो उसके लिए राज्य स्तर से अनुमति प्राप्त करना होगी। कोई भी कलेक्टर अपनी मर्जी से जिले में लॉकडाउन नहीं कर पाएगा।
बैठक में बताया गया कि 30 जुलाई की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 8454 एक्टिव केस है।


भोपाल में शनिवार को मेडिकल स्टोर बंद रहेंगे। केवल अस्पतालों और नर्सिंग होम में स्थित दवा दुकानें खुलेंगी। भोपाल केमिस्ट एसोसिएशन ने इस संबंध में एसोसिएशन के सभी सदस्यों को पत्र जारी कर कहा है कि यह फैसला देश, काल और परिस्थिति को ध्यान में रखकर लिया गया है। आप सभी इस इशारे को समझ गए होंगे। पत्र में यह भी साफ लिखा गया है कि ध्यान न देने की स्थिति में आप अनावश्यक रूप से कष्ट में आ सकते हैं।


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