लॉकडाउन से वैक्सीन तक की पूरी तस्वीर...कोरोना संकट से कितनी बदली दुनिया?

हते हैं ना कि हर चीज की अति बुरी होती है. मानव विकास के पहिए पर सवार होकर नित्य प्रगति कर रहा है. लेकिन पिछले सौ साल में मनुष्य ने विकास की जो नई इबारत लिखी, मानो वह इस धरती के रचयिता को ही चुनौती देने वाली थी. इंटरनेट और डिजिटल क्रांति ने पूरी दुनिया को बदल दिया.


विकास की अंधी दौड़ में हम भूल गए कि हमें क्या करना है, क्या नहीं. ऐसे में कोरोना संकट ने विकास की रफ्तार पर फिलहाल लगाम लगाया है. विधाता ने एक पॉज दिया है, हमें रुककर सोचने के लिए कि हमें विकास की धारा को किस दिशा में मोड़ना है. ये वक्त है सोचने का. ऐसा नहीं है कि कोरोना संकट से सिर्फ नुकसान हुआ है. आइए समझें कोरोना संकट से अबतक कितनी बदली दुनिया.


राहुल गांधी ने हाल ही में बांग्लादेश के प्रख्यात अर्थशास्त्री और बांग्लादेश ग्रामीण बैंक के संस्थापक मुहम्मद यूनुस से बात की. एक सवाल के जवाब में अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने कहा कि कोरोना संकट ने आर्थिक मशीन को रोक दिया है, अब लोग सोच रहे हैं कि पहले जैसी स्थिति जल्द हो जाए. लेकिन ऐसी जल्दी क्या है, अगर ऐसा होता है तो बहुत बुरा होगा. हमें उसी दुनिया में वापस क्यों जाना है, जहां ग्लोबल वॉर्मिंग का मसला है और बाकी सभी तरह की दिक्कतें हैं. ये हानिकारक होगा, कोरोना ने आपको कुछ नया करने का मौका दिया है. आपको कुछ अलग करना होगा, ताकि समाज पूरी तरह से बदल सके.


कोरोना संकट ने वाकई दुनिया को बदलकर रख दिया है. अभी पूरी दुनिया कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए वैज्ञानिकों की ओर टकटकी लगाकर देख रही है. वैक्सीन पर दुनियाभर में काम चल रहा है. करीब 20 जगह कोरोना वैक्सीन पर शुरुआती सफलता दिख रही है. कबतक वैक्सीन मार्केट में आएगी, इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन बोल चुका है कि शायद कोरोना पर स्थायी रूप से लगाम नहीं भी लग सकती है. परन्तु, हम पूरी तरह आशावादी हैं वैक्सीन जरूर बनेगी. लेकिन लॉकडाउन से वैक्सीन की राह तक, अबतक जो कुछ हुआ उससे सबक लेने का वक्त है.


अबतक जो जानकारी है उसके मुताबिक कोरोना वुहान के सी-फूड मार्केट से दिसंबर 2019 में शुरू हुआ. फिर कोरोना वायरस ने पूरे वुहान शहर को अपनी चपेट में ले लिया. शुरुआती कुछ महीनों तक यह कोरोना का एपिसेंटर बना रहा. लेकिन धीरे-धीरे पूरी दुनिया में कोरोना का संक्रमण शुरू हुआ. चीन के बाद इटली, फ्रांस और अमेरिका पर कोरोना का कहर बरपा. तब लग रहा था कि शायद भारत में कोरोना का संक्रमण उस रफ्तार से नहीं होगा.


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