प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत के 10 राज्यों में ही कोरोना के कुल 80 प्रतिशत एक्टिव मामले हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में इन दस राज्यों की अहम भूमिका है.पीएम मोदी ने दस राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए बात की और कहा कि इन दस राज्यों के साथ बैठकर चर्चा करने और समीक्षा करने की आवश्यकता थी.उन्होंने कहा कि इस बैठक में यही बात निकल कर आई है कि अगर इन 10 राज्यों में हम कोरोना को हरा देते हैं तो देश भी जीत जाएगा.हालाँकि पीएम मोदी ने ये भी कहा कि भारत में औसत मृत्यु दर पहले भी दुनिया के मुक़ाबले काफ़ी कम था. उन्होंने ये भी कहा कि भारत में एक्टिव मामलों का प्रतिशत कम हुआ है और रिकवरी रेट भी बढ़ा है.उन्होंने मीटिंग के बाद कहा कि जिन राज्यों में टेस्टिंग कम है और जहाँ कोरोना पॉज़िटिव रेट अधिक है, वहाँ टेस्टिंग बढ़ाने की आवश्यकता है. पीएम मोदी ने कहा कि फ़िलहाल हर दिन सात लाख टेस्टिंग हो रही है, लेकिन इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है.उन्होंने कहा कि खासतौर पर, बिहार, गुजरात, यूपी, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में टेस्टिंग बढ़ाने पर ख़ास ज़ोर देने की बात इस समीक्षा में निकली है.
पीएम मोदी ने और क्या- क्या कहा -अस्पतालों पर दबाव, हमारे स्वास्थ्य कर्मियों पर दबाव, रोजमर्रा के काम में निरंतरता का ना आ पाना, एक नई चुनौती80 प्रतिशत एक्टिव मामले इन दस राज्यों में हैं, इसलिए कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में इन सभी राज्यों की भूमिका बहुत बड़ी हैआज देश में एक्टिव मामले 6 लाख से ज़्यादा हो चुके हैं, जिनमें से ज़्यादातर मामले हमारे इन 10 राज्यों में ही हैंअब तक का हमारा अनुभव है कि कोरोना के ख़िलाफ़ कंटेन्मेंट, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और सर्वेलांस, ये सबसे प्रभावी हथियार हैं.अब जनता भी इस बात को समझ रही है, लोग सहयोग कर रहे हैंये जागरूकता की हमारी कोशिशों के एक अच्छे परिणाम की तरह हैहोम क्वारंटीन की व्यवस्था इसी वजह से आज इतने अच्छे तरीक़े से लागू की जा पा रही है एक्सपर्ट्स अब ये कह रहे हैं कि अगर हम शुरुआत के 72 घंटों में ही केस की पहचान कर लें, तो ये संक्रमण काफ़ी हद तक धीमा हो जाता हैअस्पतालों में बेहतर प्रबंधन, आईसीयू बेड्स की संख्या बढ़ाने जैसे प्रयासों ने भी काफ़ी मदद की है.आज टेस्टिंग नेटवर्क के अलावा आरोग्य सेतु ऐप भी हमारे पास है.आरोग्य सेतु की मदद से हम ये काम आसानी से कर सकते हैं.