रूस का दावा क्लीनिकल ट्रायल में 100 फीसदी सफल रही वैक्सीन, सितम्बर से शुरू हो सकता है का उत्पादन; WHO ने कहा- इसकी सफलता पर यकीन करना मुश्किल

रूस ने दावा किया है कि उसने कोरोना की जो वैक्सीन तैयार की है वह क्लीनिकल ट्रायल में 100 फीसदी तक सफल रही है। वैक्सीन (Gam-Covid-Vac Lyo) का ट्रायल 42 दिन पहले मॉस्को के बुर्डेंको मिलिट्री हॉस्पिटल में शुरू हुआ था। वैक्सीन को रशिया के रक्षा मंत्रालय और गामालेया नेशनल सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायलॉजी ने मिलकर तैयार किया है। ट्रायल की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन वॉलंटियर्स को वैक्सीन दी गई उनमें वायरस के खिलाफ इम्युनिटी विकसित हुई है।


विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने रूस द्वारा बनाई गई कोरोना की वैक्सीन को लेकर कई तरह की शंकाएं जताई हैं। संगठन के प्रवक्ता क्रिस्टियन लिंडमियर ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि अगर किसी वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किए बगैर ही उसके उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी कर दिया जाता है, तो इसे खतरनाक मानना ही पड़ेगा।


डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया है, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता पर भरोसा करना मुश्किल है। वैक्सीन उत्पादन के लिए कई गाइडलाइन्स बनाई गई हैं, जो टीमें भी ये काम कर रहीं हैं उन्हें इसका पालन करना ही होगा। हाल ही में रूस ने वैक्सीन पर सभी क्लिनिकल ट्रायल खत्म होने का ऐलान किया था।


विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर क्लीनिकल ट्रायल से गुजर रहीं 25 वैक्सीन सूचीबद्ध की हैं, जबकि 139 वैक्सीन अभी प्री-क्लीनिकल स्टेज में हैं। रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने अक्टूबर से मास वैक्सीनेशन के लिए उपलब्ध होने की बात कही थी। साथ ही अन्य देशों को मदद का भरोसा भी दिया था।


रशिया के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वैक्सीन ट्रायल के परिणाम सामने आए हैं उनमें बेहतर इम्युनिटी विकसित होने के प्रमाण मिले हैं। दावा किया कि किसी वॉलंटियर्स में निगेटिव साइडइफेक्ट नहीं देखने को मिले। लैब को वैक्सीन के अप्रूवल का इंतजार है। इसकी अनुमति मिलते ही यह लोगों तक पहुंचाई जा सकेगी।


रशियन सरकार का दावा है कि हम वैक्सीन तैयार करने में दूसरों से कई महीने आगे चल रहे हैं। इसी महीने में बड़े स्तर पर तीन और ट्रायल किए जाएंगे ताकि वैक्सीन का अगला टेस्ट किया जा सके। देश में सितम्बर से वैक्सीन का उत्पादन शुरू किया जाना है। वहीं, अक्टूबर से राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान शुरू किए जाने की भी योजना है। वैक्सीन की पहली डोज डॉक्टर्स और टीचर्स को दी जाएगी।


स्वास्थ्य मंत्री मिखायल मुराशको के मुताबिक, दूसरी वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। इसे वैक्टर स्टेट सेंटर फॉर रिसर्च इन वायरोलॉजी ने तैयार किया है।


 


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